बुधवार, 29 जून 2022

Shayri 109

हमने भी देखा है!!


बनते भी देखा है, बिगड़ते भी देखा है,
खाव्हिशो का एक जहान,
हमने ऐसा भी देखा है!!

हसाते हुए भी देखा है, रूलाते हुए भी देखा है,
इतनी तेज़ी से बदलता हुआ,
एक वक़्त हमने ऐसा देखा है!!

पास आके भी देखा है, दूर जाके भी देखा है,
जो आँखों में है, सब धोखा है,
हमने ये धोखा हर आँखों में देखा है!!

मंज़िल भी देखी है, मुसाफिर भी देखा है,
कश्ती भी देखी है, किनारा भी देखा है,
हस्ते हुए चेहरे के पीछे दर्द बोहत सारा देखा है!!

ज़मीन भी देखी है, आसमान भी देखा है,
मौत भी देखी है, क़ब्रिस्तान भी देखा है,
हमने जीते जी ज़िंदगी को शमशान बनते देखा है!!


Best Wishes
Naval Kishore


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