शनिवार, 11 अप्रैल 2020

Shayri 4



हौसलों की उड़ान कभी नाकामियाब नहीं ...
FIG.1












फ़िक्र कहा उनको अब गिरने की,
जो बाते आसमान की करते है!
होंसलो में हो जब सच्चाई,
तो परिंदो की तरह ऊँची उड़ाने  भरते है!!

मत समझ इस पिंजरे को पूरी दुनिया 
ये तेरी सबसे बड़ी भूल है!
बहार निकल,पंख  फैला,
देख अभी तो सारा जहान  बाकी है !!


ये  ना समझ की एक ही उड़ान में,
तू सारा जहान नाप जाएगा !
कई बार गिरेगा, कई बार उठेगा ,
धीरे धीरे उड़ कर ही अपने अरमान पुरे करेगा !!


जो भर ली है उड़ान तूने अब,
तो लक्ष्य को हासिल करके ही रुकना!
बीच सफर में कई मिलेंगे तुझे थके हुए,
पर तू कभी ना थकना !!

BEST WISHES
NAVAL KISHORE




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