रविवार, 5 मार्च 2023

Shayri 156


तुझसे मोह्बत्त थोड़ी  ज्यादा करता हू !!


तेरी बातो से भी ज्यादा,
तेरी ख़ामोशी से डरता हू,
बस इसी डर से,
तुझसे मोह्बत्त थोड़ी ज्यादा करता हू!!

तेरे प्यार से गाल पर छू लेने के एहसास से ज्यादा,
तेरे हाथो के थप्पड़ से डरता हू,
बस इसी डर से,
तुझसे मोह्बत्त थोड़ी ज्यादा करता हू!!

तेरे  होने की खुशी से ज्यादा,
तेरे ना होने के गम से डरता हू,
बस इसी डर से,
तुझसे मोह्बत्त थोड़ी ज्यादा करता हू!!


तेरे होठों की हँसी से ज्यादा,
तेरी आँखों के आंसुओ से डरता हू,
बस इसी डर से,
तुझसे मोह्बत्त थोड़ी ज्यादा करता हू!!

तुझे पा लेने की चाहत से ज़्यादा,
तुझे खोने से डरता हू,
बस इसी डर से,
तुझसे मोह्बत्त थोड़ी ज्यादा करता हू!!

 
Best Wishes 
Naval Kishore

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