सोमवार, 25 जुलाई 2022

Shayri 116


बस्तिया उजड़ गई,
आग जो किसी अपने ने लगाई,
एक भी जान बच ना पाई,
किसी ने ऐसी वफ़ा निभाई!!

Best Wishes
Naval Kishore

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