शुक्रवार, 10 जून 2022

Shayri 107



अब मिलता नहीं ज़माने में किसी से,
आँखों में  उमीदे लिए,

जितनी भी उमीदे थी, सब टूट गयी,
किसी ने उमीदो के ऐसे ज़ख्म दिए !!

Thanks & Regards
Naval Kishore

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