रविवार, 30 मई 2021

Shayri 54

ज़िंदगी भी मेरी बेजान बन गयी,
एक बुरी कहानी, टूटे अरमान बन गयी,
खुली किताब थी, फिर भी अंजान बन गयी,
भर गया दिल मेरा तेरे एहसासों से,
जैसे इश्क़ की दूकान बन गयी!!

Best Wishes
Naval Kishore

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