सोमवार, 18 मई 2020

Shayri 17

PART-1

वक़्त से चोरी करके वक़्त की  तुम्हे देना,

ये हुनर भी सिख लिया हमने!

और हमारे हिस्से का वक़्त भी किसी ओर को देना,

ये सिख लिया तुमने !!


PART-2

हम तुम्हे भूल जाए अब,

ऐसा मुमकिन  तो नहीं लगता,

तेरी यादे ही तो सहारा है अब तो,

बाक़ी इनके बिना तो अब, जीने में भी मन नहीं लगता !!!


BEST WISHES 

NAVAL KISHORE

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