रविवार, 23 जनवरी 2022

Shayri 89

अब ये भी शिकायत किसी  की हमसे है,
की नाराज़ वो हमसे नहीं, हम हम उनसे है!!

Best Wishes
Naval Kishore

Shayri 88

हुकूमतों का  दौर है,
गुजारिशों का सिलिसला है,
जिंदगी में दुखो के सिवा,
कुछ ओर भी मिला है!!

Best Wishes
Naval Kishore

Shayri 87

हर जुर्म की तेरे यही सजा है,
अपनों से ही दर्द मिले, उसी में मज़ा है!!

Best Wishes
Naval Kishore

Shayri 86


हर शक़्स में यहाँ कातिल है,
ढूंढ पाओगे कैसे,
हर चेहरे में उसी की झलक है,
भुल पाओगे कैसे,
देखे अब उसे हो गए बरसो,
पर उसकी यादो से दूर जाओगे कैसे?

Best Wishes
Naval Kishore

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